Woman & Child Development Schemes In Hindi आज के पोस्ट में हम जानेगे भारत सरकार की कुछ प्रमुख योजनाओ के बारे में जो की महिलाओ और बच्चो से सबंधित है । महिलाओ और बच्चो की बुनियादी सुविधा मुहैया करना किसी भी सरकार या देश की प्रथम प्राथमिकता होता है । क्योकि इनके बिना किसी भी देश की तरकी को तरकी नहीं कहा जा सकता है बच्चे हमारे कल का भविष्य होते है और माँ उस भविष्य की जननी । जी हाँ आज हम शेयर करेंगे ऐसे ही कुछ योजनाओ के बारे में तो जुड़े रहिय हमारे साथ इस पोस्ट में ।
Woman & Child Development Schemes In Hindi
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सुमन योजना सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना
सुमन योजना सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना जो भारत में मातृ एवं नवजात शिशुओं की मृत्यु के शून्यीकरण का लक्ष्य रखते हुए, केन्द्र सरकार ने सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) योजना शुरू की है, जिसके तहत् गर्भवती महिलाएं, प्रसव के 6 महीने तक की सभी माताएं और सभी बीमार नवजात को निःशुल्क स्वास्थ्य लाभ सरकार की तरफ से मिलेगा .
इस योजना का उदेश
- इस योजना से देश में मातृ और शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक कम करने में मदद करेगी
- इस योजना के तहत् सार्वजनिक स्वास्थ्यसुविधाओं पर जाने वाले लाभार्थी कई मुफ्त सेवाओं के हकदार हैं।
इनमें प्रदान की जाने वाली सुविधाएँ हैं
- -न्यूनतम चार प्रसव पूर्व चेकअप, जिसमें पहली तिमाही के दौरान भी एक चेकअप शामिल है,
- प्रधानमन्त्री सुरक्षा अभियान के तहत् कम-से-कम एक चेकअप, आयरन फोलिक एसिड पूरकता, टेटनिया डिप्थीरिया इंजेक्शन और व्यापक एएनसी पैकेज के सभी दूसरे घटक और नवजात शिशु के समुचित स्वास्थ्य हेतु घर पर जाकर जाँच करना।
- इस योजना के तहत् गर्भावस्था के दौरान और बाद में आने वाली मुश्किलों की पड़ताल और प्रबन्धन के लिए कोई खर्च नहीं करना होगा।
- सरकार, घर से स्वास्थ्य संस्थानों तक मुफ्त परिवहन भी प्रदान करेगी।
- इस योजना के तहत्, गर्भवती महिलाओं को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में निःशुल्क प्रसव और कठिनाइयों के मामले में निःशुल्क सी-सेक्शन सुविधा उपलब्ध होगी।
WHO की प्रयास
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) माताओ और नवजातों की देखभाल की गुणवत्ता को इस प्रकार परिभाषित करता है-“व्यक्तिय और रोगियों को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं से बाधित स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होता है
- इन परिणामों की प्राप्ति के लिए, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावी समयपरक कुशलता स एकीकृत न्यायसंगत और जन-केन्द्रित होना चाहिए
सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में मातृ मृत्यु दर 2004-06 में 254 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म थी, जो 2014-16 में घटकर 130 हो गई है. 2001 से 2016 के बीच, शिशु मृत्यु दर 66 प्रति 1,000 जीवित जन्मों से घटकर 34 हो गई है।
मातृत्व लाभ योजना
केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल ने 17 मई, 2017 को मातृत्व लाभ कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। जिसके तहत् स्तनपान कराने वाली माँ को कुल ₹6000 तक दिए जाएंगे, लेकिन यह योजना सिर्फ पहली सन्तान के लिए होगी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाए ही लाभान्वित होंगे ।महिला और बाल विकास मन्त्रालय द्वारा सीधे खाते में फायदे के जरिए तीन किश्तो में ₹5000 नकद प्राप्त करने की हकदार होगी
माँ को शुरू में गर्भावस्था के पंजीकरण 1000 और इसके बाद प्रसव पूर्व जाँच बाद ₹2000 और बच्चे के जन्म के पंजीकरण के बाद ₹2000 मिलेंगे पात्र र्थियों को संस्थागत प्रसव के बाद शेष नकद राशि मौजूदा कार्यक्रमों के तहत् मातृत्व लाभ के मान्य नियमों के अनुरूप दी जाएगी इससे औसतन एक महिला को कुल ₹6000 की धनराशि प्राप्त होगी।
मातृत्व लाभ कार्यक्रम नकद प्रोत्साहन के रूप में वेतन हानि के लिए आशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना, जिससे महिलाए प्रथम जीवित बच्चे के प्रसव के पूर्व और पश्चात् पर्याप्त आराम कर सकें।
प्रदान किए गए नकद प्रोत्साहनों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण के प्रभाव नामतः स्टटिंग (उम्र के हिसाब से लम्बाई में कमी), वेस्टिंग (बच्चा की लम्बाई की तुलना में कम वजन) और अन्य समस्याओं के प्रभाव को कम किया जा सके।
इस योजना हेतु
1 जनवरी, 2017 से लेकर 31 मार्च, 2020 तक की अवधि के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के अंश का कुल मूल्य ₹12.661 करोड़ है, इसमें 1 जनवरी, 2017 से 31 मार्च, 2020 की अवधि के दौरान केन्द्र सरकार का हिस्सा लगभग ₹ 7.932 करोड़ है।
इस योजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों में नियमित रूप से रोजगार करने वाली अथवा इसी प्रकार की किसी योजना की पात्र महिलाओं को छोड़कर सभी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्म के किए तीन किश्तों में ₹6,000 का नकद प्रोत्साहन देय है।
राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन
केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री का संजय गांधी ने 13 नवम्बर, 2014 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन की शुरूआत की थी।
इस योजना का उदेश
बाल स्वच्छता मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत मिशन का एक कार्यक्रम राज्य, जिला, प्रखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर लागू किया जाएगा.
बाल स्वच्छता मिशन के छह विषय-स्वच्छ ऑगनबाडी, स्वच्छ आसपास का माहौल/ खेल का मैदान व्यक्तिगत स्वच्छता (साफ रहने की आदत बच्चों का स्वास्थ्य), साफ भोजन, पीने का साफ पानी साफ शौचालय।
विद्यालय शिक्षा विभाग सहरी विकास पेय जल एवं स्वच्छत सूचना विज्ञापन विभागों के सहयोग से बाल स्वता मिशन को लागू करने के लिए विभिन्न राज्यों के महिला एवं बाल विकास विभाग को कहा गया है।
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‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत में बेटी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना एवं सुकन्या समृद्धि योजना का शुभारम्भ किया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाना एवं लड़कियों को सुशिक्षित बनाना है।
इस योजना का उदेश
- सुकन्या समृद्धि खाता योजना को बेटियों की सामाजिक सुरक्षा के तौर पर शुरू किया गया है ।
इस अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नाम पर डाक टिकट जारी करने के साथ ही प्रचार वाहन जन जागरण के लिए रवाना किए गए प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत कम लिंगानुपात वाले देश के सौ जिलों पर विशेष अभियान चलाकर इसके प्रति लोगों में जन-जागरूकता फैलाने की घोषणा की गई।
- इनमें हरियाणा के 12 जिले शामिल हैं
- अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड अबेसडर बनाया गया है,
इस योजना का सम्पूर्ण लक्ष्य
- बालिकाओं का स्वागत करना तथा उन्हें शिक्षा देना है, इसके उद्देश्य हैं, लिंग पूर्वाग्रह से ग्रसित लिंग चयन को खत्म करना व बालिकाओं के जीवन, सुरक्षा और शिक्षा को सुनिश्चित करना।
कार्यक्रम की निगरानी के लिए आठ लक्ष्य चुने गए हैं
- जो मुख्यतः चयनित जिलों में सालभर में जन्म लिंगानुपात में 10 अंकों का सुधार करेंगे।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के विस्तार
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने 19 अप्रैल, 2016 को 11 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के कम लिंगानुपात वाले 61 अतिरिक्त जिलों में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम’ (BBBP) की औपचारिक शुरूआत की. इस योजना के पहले वर्ष में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में 49 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गई. उन्होंने कहा कि बीबीबीपी जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में न्यूनतम 10 अंकों की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है और अगले 5 वर्षों में धीरे-धीरे इसे सममूल्य (Ar Par) करना है।
इस अवसर पर मेनका संजय गांधी द्वारा एक पुस्तिका ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ-एक यात्रा’ (Beti Bachao Beti Padhao a Journey so far) भी लोकार्पित की गई।
भारत सरकार की इन योजनाओ के बारे में अधिक जानने के लिए आप विकिपीडिया लॉगिन कर सकते है निचे इसका लिंक दिया हुआ है ।
ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कार्यक्रम की शुरूआत 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले में की थी. यह कार्यक्रम एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में 100 चयनित जिलों में बहुक्षेत्रीय कार्यवाहियों को संकेन्द्रित करते हुए भी सभी राज्यों/ केन्द्रशासित प्रदेशों में क्रियान्वित किया जा रहा है।
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