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Share Market क्या है और यह कैसे काम करती है

Share Market क्या है और यह कैसे काम करती है जानिए शेयर मार्किट को आज के आर्थिक युग में हर कोई पैसा कमाना चाहता है पर कुछ ही लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते है । क्यों की शेयर मार्किट एक ऐसा subject है जिसे समझना थोड़ा मुश्किल होता है । तो चलिए हम इसे आसान बनाते है और इसे सधारण शब्दो में शमझते है । की share market क्या है और यह कैसे काम करती है ।

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Share Market क्या है और यह कैसे काम करती है

शेयर मार्किट ऐसी जरिया है जहाँ बहुत सरे पैसे कमाय जाते है । अर्थार्त शेयर मार्किट वह जगह है जहाँ आम लोग पैसा  किसी कंपनी के शेयर में   इन्वेस्ट कर प्रोफ्ट कमाया सकते  है किसी देश की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए उस देश की सरकार , उस देश के नागरिक एवं कॉर्पोरेट  सेक्टर की सभागिता  होनी बहुत ही जरूरी होती है ।

ऐसे में बात आती है शेयर मार्केट  की देख -रेख किसी भी देश की सरकार की फिनांसल बढ़ि  के द्वारा किया जाता है भारत में SEBI   के द्वारा संचालित होती है उसी की गाइड लाइन के तहत होती है ।

share market को समझने से पहले हम लोगो को शेयर को समझना होगा की  शेयर क्या है

शेयर क्या है ?  

यहाँ दो टर्म को समझने जरूरत है पहला शेयर – शेयर का शाब्दिक अर्थ होता है बाटना , मतलब हिसेदारी जब कोई इन्वेस्टर किसी कंपनी में शेयर खरीदता है तो वह उस का हिसेदार बनजाता है । दूसरा है मार्किट बजार – जहाँ बहुत से लोग अपने दैनिक उदेशो की पूर्ति हेतु किसी एक जहग इकठा होते है वह बजार कहलाती है ।

अब बात रही शेयर की – शेयर कौन जारी करती है – जब किसी कंपनी को अपनी पूंजी निर्माण करना होता है तो उसे बहुत पैसे की जरूरत होती है ऐसे कम्पनिया शेयर जारी करती है क्यों की अमाउंट इतनी होती है की एक या कुछ लोगो के द्वारा पूरा नहीं हो सकता है । तो पब्लिक को ऑफर करती है । जब कोई आम जन शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी का आंशिक हिसेदार बनजाता है ।

जब शेयर जारी करने वाली कंपन्या को हानि होती है तो शरधारक को भी हानि उठाना परता है यदि लाभ होए तो उसके इन्वेस्टमेंट की हिसाब से हिसेदारी मिलजाती है । यू कहे तो शेयर मार्किट बहुत ही रिस्क उठाने वाली बात है अगर आप शेयर मार्किट में पैसा लगाना कहते है तो रिस्क लेना होगा या शेयर मार्किट की अच्छा समझ होना बहुत ही जरूरी है । तभी आप पैसा कमा सकते है ।

 

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भारत में शेयर मार्किट का संचालन कैसे होता है । 

share market  क्या है और यह कैसे काम करती है भारत में शेयर मार्किट का संचालन SEBI के द्वारा होता है भारतीय प्रतिभूति व विनियामक बोर्ड (SEBI) शेयर बाजार में चलने वाले व्यापक व वृहद् कारोबार के विनियमन व नियन्त्रण हेतु वर्ष 1988 में केन्द्र सरकार द्वारा कानून पास करके एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में भारतीय प्रतिभूति व विनियामक बोर्ड की स्थापना की गई।  30 जनवरी, 1992 को एक अध्यादेश द्वारा इस संस्था को वैधानिक दर्जा प्रदान कर दिया गया। सेबी (SEBI, Securities and Exchange Board of India) का मुख्यालय मुम्बई में है तथा कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई में इसके क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए गए हैं।

सेबी की संरचना

• सेबी का सम्पूर्ण प्रबन्धन 6-सदस्यों की देख-रेख में होता है, जिसका अध्यक्ष किसी विशिष्ट योग्यता प्राप्त व्यक्ति को केन्द्र सरकार द्वारा बनाया जाता है। सेबी के दो सदस्य कानून (Law) व वित्त के विशेषज्ञ होते हैं। तथा भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों में से चुने जाते हैं।

कौनसी कंपनी शेयर जारी करती है 

भारत में शेयर जारी करने वाली कंपनी को NSE / BSE में सूचीबद्ध होना जरूरी होता है तभी शेयर जारी कर सकता है ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेन्ज (NSE)

  •  यह भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण शेयर बाजार है, जिसकी स्थापना वर्ष 1992 में फरवानी समिति की सिफारिशों के आधार पर हुई। इसका प्रमुख प्रवर्तक भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (Industrial Development Bank of India) है। इसका मुख्यालय वर्ली ( दक्षिणी मुम्बई) में है। इसने अपना कार्य  वर्ष 1994 से प्रारम्भ किया और पूरा देश इसका कार्यक्षेत्र है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेन्ज  ( BSE ) 

बॉम्बे शेयर बाजार की स्थापना 1875 ई. में हुई। यह दक्षिण एशिया का बड़ा स्टॉक एक्सचेन्ज है। वर्ष 2005 से यह पब्लिक लिमिटेड कम्पनी सेबी रूपान्तरित हो गया है। इसका वर्तमान नाम (Bombay Stock Exchann BSE) वर्ष 2002 में किया गया। बॉम्बे शेयर बाजार सूचीबद्ध कम्पनियों के आधार पर विश्व में पहले स्थान पर है तथा बाजार पूँजीकरण के आधार पर विश्व के शीर्ष 10 शेयर  MARKET   में शामिल है। वर्तमान में BSE के साथ पाँच शेयर सूचकांक कार्य कर रहे हैं- सेन्सेक BSE 500, BSE 200 (डॉलेक्स), राष्ट्रीय सूचकांक एवं इण्डोनेक्स्ट।

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भारत के  प्रमुखय स्टॉक एक्सचेन्ज  निम्न है । 

  • राष्ट्रीय शेयर बाजार, मुम्बई
  • बॉम्बे स्टॉक एक्सचेन्ज मुम्बई
  •  उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेन्ज, कानपुर
  • दिल्ली स्टॉक एक्सचेन्ज, दिल्ली
  • वड़ोदरा स्टॉक एक्सचेन्ज, वड़ोदरा
  • ओवर द वाउण्टर एक्सचेन्ज ऑफ इण्डिया, मुम्बई
  •  कोलकाता स्टॉक एक्सचेन्ज, कोलकाता*
  • मद्रास स्टॉक एक्सचेन्ज, चेन्नई
  • कोयम्बटूर स्टॉक एक्सचेन्ज, कोयम्बटूर बंगलौर (बंगलुरु) स्टॉक एक्सचेन्ज, अहमदाबाद
  •  कोचीन स्टॉक एक्सचेन्ज, कोचीन
  • गुवाहाटी स्टॉक एक्सचेन्ज, गुवाहाटी
  •  हैदराबाद स्टॉक एक्सचेन्ज, हैदराबाद
  •  मध्य प्रदेश स्टॉक एक्सचेन्ज, इन्दौर
  • लुधियाना स्टॉक एक्सचेन्ज, लुधियाना
  • पुणे स्टॉक एक्सचेन्ज, पुणे
  • एनएसई आईएफएससी (NSE-IFSC) लिमिटेड, गाँधी नगर (गुजरात)
  • इण्डिया आईएनएक्स, गाँधी नगर (गुजरात)
  •  मेट्रोपॉलिटन स्टॉक्स एक्सचेंज ऑफ इण्डिया, मुम्बई
  • इण्टरकनेक्टेड स्टॉक एक्सचेन्ज ऑफ मंगलौर स्टॉक एक्सचेन्ज, मंगलौर
  • जयपुर स्टॉक एक्सचेन्ज, जयपुर
  • इण्डिया लिमिटेड
  •  अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेन्ज, अहमदाबाद
  • भुवनेश्वर स्टॉक एक्सचेन्ज, भुवनेश्वर
  •  सक्रिय स्टॉक एक्सचेन्ज

SHARE MARKET  कितने प्रकार के होता है । 

शेयर मार्किट दो प्रकार के होता है । प्राथमिक बजार  ( Primary Market ) और  दुतिय  बजार ( Secondary Market )

Primary Market  किसे कहते है । 

प्राथमिक बाजार

प्राथमिक बाजार (Primary Market) पूँजी बाजार का वह अंग है, जहाँ कई प्रतिभूतियों का पहली बार विक्रय होता है अर्थात् यह नए निर्णमनी (New Issues) से सम्बन्धित बाजार है, जहाँ कोषों का गतिशीलन सर्वथा नई प्रतिभूतियों के माध्यम से होता है।

प्राथमिक बाजार में घरेलू व विदेशी दोनों प्रकार के कोषों की उगाही की जा सकती है तथा इसमें निर्गमित प्रतिभूतियाँ, समता अंश (Equity share) या ऋण प्रपत्र (Debenture) दोनों हो सकते है।

घरेलू कोषों के अन्तर्गत आने वाली प्रतिभूतियों में कम्पनियों द्वारा निर्गमित समता अंश व कम्पनियाँ सरकार तथा वित्तीय मध्यस्थों द्वारा निर्गमित ऋण प्रपत्र शामिल है, वहीं विदेशी कोषों के अन्तर्गत ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसोट व अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट के माध्यम से निर्गमित समता अंश व विदेशी वाणिज्यिक उधारी (Foreign Commercial Borrowing) के द्वारा आने वाली उधारियों सम्मिलित है ।

 

Secondary Market किसे कहते है । 

द्वितीयक बाजार  वह बाजार, जिसके अन्तर्गत पुरानी अर्थात् पूर्व में निर्गमित प्रतिभूतियों का व्यापार होता है, द्वितीयक बाजार (Secondary Market) कहलाता है। द्वितीयक बाजार के अन्तर्गत कानून के अधीन कार्य करने वाले पंजीकृत (Registered) स्टॉक एक्सचेन्ज आते है। द्वितीय बाजार या स्टॉक एक्सचेन्ज में उन्हीं प्रतिभूतियों समता अंश या ऋण पत्रों की ट्रेडिंग होती है, जो स्टॉक में सूचीबद्ध (listed) होती है।

यहाँ सूचीबद्धता का आय किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेन्ज द्वारा प्रतिभूतियों सरकार (Securities) को व्यापार के लिए स्वीकार किए जाने से है। इसे शेयर बाजार के नाम से भी जाना जाता है। वास्तव में एक सक्रिय द्वितीयक बाजार; प्राथमिक बाजार की विकास प्रक्रिया को अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक बनाता है, क्योंकि यह प्राथमिक बाजार में अंशों व ऋण-पत्रों को तरलता प्रदान करने हेतु सतत बाजार का कार्य करता है।

द्वितीयक बाजार के अन्तर्गत प्राथमिक बाजार में शामिल संस्थाओं; व्यापारिक बैंकर्स, पारस्परिक कोष (Mutual Fund), वित्तीय संस्थान व व्यक्तिगत निवेशकों (Investors) के अतिरिक्त शेयर दलाल (Share Agents) भी शामिल होते हैं। ये शेयर दलाल; शेयर बाजार के सदस्य होते हैं और इन्हीं के माध्यम से शेयरों का क्रय-विक्रय होता है।

  • अधिक जानने के लिए आप विकिपीडिया use कर सकते है निचे लिंक दिया है
  • https://hi.wikipedia.org/

आप ने जाना इस पोस्ट में की Share Market किसे कहते है और यह कैसे काम करती है । Share market की समझ बढ़ाने के लिए शेयर न्यूज़ देखा कीजिए प्रतिदिन । इकोनॉमिक्स  टाइम पढ़िए , शेयर मार्किट की बुक पढ़िए ।   मै उम्मीद करता हूँ की मेरे द्वार बताय गए शेयर मार्किट की जानकारी आपलोग के लिए उपयोगी हो । और इसे अपने दोस्तों में शेयर जरूर करे , अपना कीमती समय देने के लिए धन्यबाद । मिलते है अगले पोस्ट में ।

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