IRDAI क्या है in hindi जैसा की आप सभी जानते है IRDAI का मुख्य उदेश बिमा पॉलिसी धारको के हितो की रक्छा करना है । persent sinario में देखा जाए तो हर कोई बिमा (insurance ) की तरफ रुख करते दिख रहा है । क्यों की बिमा (insurance) का मतलब ही होता है रिस्क कवर करना , जोखिम उठाना ऐसे में कुछ insurance कम्पनिया लोगो के साथ धोखा – धरी भी करती है । चाहे व life insurance या प्रॉपटी insurance , car insurance etc.
IRDAI क्या है in hindi
ऐसे में IRDAI का क्या रोल होता है
आप ने कुछ सालो पहले सहारा इंडिया कंपनी के बारे में सुना होगा जो बहुत सारे पॉलिसी धारको के पैसा डूब ने के मामले न्यूज़ पेपर में आया था । ऐसे धोखा – धरी से बचने के लिए और insurance सेक्टरों के नियंत्रण करने के लिए भारत सरकार के द्वारा IRDAI गठन किया गया है ।
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भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA)
इसका गठन मल्होत्रा समिति की सिफारिशों के आधार पर 19 अप्रैल, 2000 से किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, सम्वर्द्धन, सम्बन्धित व आकस्मिक मामलों पर कार्य करना तथा पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करना है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में है। यह उपभोक्ता के हितों को सुनिश्चित करने के लिए बीमा कम्पनियों का निरीक्षण करता है।
- यह आर डी अधिनियम, 1999 की धारा 14(2) (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार, सभी कम्पनियों का मौके पर, मौके के अतिरिक्त निरीक्षण करता है।
- 26 दिसम्बर, 2014 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के उपरान्त IRDA का नाम बदलकर IDRAI कर दिया गया।
बीमा क्षेत्र में निजी कम्पनियों का प्रवेश
IRDAI क्या है in Hindi भारत में अप्रैल, 1993 में केन्द्र सरकार द्वारा बीमा क्षेत्र में सुधार पर सुझाव देने हेतु मल्होत्रा समिति का गठन किया गया था।
समिति ने बीमा क्षेत्र के निजीकरण के सम्बन्ध में कई महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए। बीमा क्षेत्र में निजी कम्पनियों के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करते हुए केन्द्र सरकार ने बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India, IRDAI) का गठन 19 अप्रैल, 2000 में किया।
- बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा 49% है।
- भारतीय रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों के बीमा क्षेत्र में प्रवेश हेतु 31 मार्च, 2000 को एक दिशा-निर्देश जारी किए, जो निम्न हैं
1. बैंक बीमा कारोबार में संयुक्त उपक्रम कम्पनियों के माध्यम से प्रवेश करेगा, जिसमें इसकी अधिकतम भागीदारी 50% होगी।
2. बैंक की चुकता पूँजी ₹ 500 करोड़ से कम नहीं होनी चाहिए।
3. बैंक का पूँजी पर्याप्तता अनुपात कम-से-कम 10% होना चाहिए।
4. बैंक की गैर-निष्पादनीय परिसम्पत्तियाँ (NPA) सन्तोषजनक स्तर पर होनी चाहिए।
5. विगत लगातार तीन वर्षों में बैंक ने शुद्ध लाभ अर्जित किया हो।
IRDAI का मुख्यालय हैदराबाद ऑफिस
बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2015
- मार्च, 2015 में बीमा कानून संशोधन विधेयक, 2015 संसद द्वारा (4 मार्च को लोकसभा तथा 12 मार्च को राज्यसभा) पारित किया गया ।
- इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य भारतीय स्वामित्व एवं नियन्त्रण की रक्षा के साथ-साथ भारतीय बीमा कम्पनी में विदेशी निवेश कैम्प की एक स्पष्ट रूप से समग्र सीमा को 26% से बढ़ाकर 49% करना है।
प्रमुख प्रावधान
इस कानून के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं
- बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कैम्प को 26% से बढ़ाकर 49%करना।
- जीवन बीमा परिषद् एवं जनरल इन्श्योरेन्स काउन्सिल की स्थापना, जो बीमा क्षेत्र के लिए आत्म-विनियमन निकायों के रूप में कार्य करेंगे।
- पीएसयू समान बीमा कम्पनियों को पूँजी बाजार से धन जुटाने की अनुमति बीमा उत्पादों के बहुस्तरीय विपणन को रोकने हेतु जुर्माने की राशि में वृद्धि।
- बीमा नियामक (इरडा) के साथ पंजीकरण के बिना पॉलिसी बिक्री के लिए 10 वर्ष तक का कारावास।
- बीमा पॉलिसी को बेचने के तीन वर्ष की अवधि के बाद किसी भी आधार पर इसे चुनौती देने से बीमा कम्पनी पर प्रतिबन्ध ।
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भारतीय जीवन बीमा निगम
संसद के अधिनियम के तहत सितम्बर, 1956 में LIC की स्थापना की गई। भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Company, LIC) अपने मुम्बई स्थित केन्द्रीय कार्यालय के अतिरिक्त कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और भोपाल स्थित 8 क्षेत्रीय कार्यालयों एवं प्रमुख शहरों में स्थित अपने 109 मण्डल कार्यालयों, 2,048 शाखा कार्यालयों और 1,004 मोबाइल कार्यालयों के द्वारा कार्य करती है।
- वर्तमान में यह निगम फिजी, मॉरीशस और ब्रिटेन में शाखा कार्यालय और बहरीन, नेपाल, श्रीलंका, कीनिया और सऊदी अरब में संयुक्त उद्यम कम्पनियों के द्वारा भी कार्य कर रही है।
- विश्व आर्थिक फोरम (World Economic Forum, WEF) की नवम्बर, 2012 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जीवन बीमा घनत्व के मामले में भारत विश्व के देशों में शीर्ष स्थान पर है।
- जीवन बीमा घनत्व की गणना देश के प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में जीवन बीमा के लिए दिए जाने वाले प्रत्यक्ष घरेलू प्रीमियम के आधार पर की जाती है।
जनरल इन्श्योरेन्स कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया
- नवम्बर, 1972 में भारत सरकार ने भारतीय साधारण बीमा निगम (General Insurance Company, GIC) के नाम से एक सरकारी कम्पनी की स्थापना की, जिसे बाद में चार साधारण बीमा कम्पनियों में विभाजित कर दिया गया।
- इसने 1 जनवरी, 1973 से कार्य करना प्रारम्भ किया। GIC को चार प्रमुख कम्पनियों में विभाजित किया गया है, ये हैं
कम्पनी
1. नेशनल इन्स्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड
2. न्यू इण्डिया इन्स्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड
3. ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड
4. युनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड
साधारण बीमा निगम की ये कम्पनियाँ एक-दूसरे से स्पर्द्धा रखते हुए पूरे देश में अपना कार्य करती हैं। निगम ने 1 अप्रैल, 2003 से पुनर्बीमा का कार्य भी पूर्ण तरीके से शुरू कर दिया ।
IRDAI भारत में बहुत अच्छी तरह से काम कर रही है किसी भी पालिसी धारक को किसी भी तरह की धोखा – धरी होने पर आप IRDAI में शिकायत कर सकते है पालिसी रिलेटेड ।
NOTE – विशेष जानने के लिए आप विकिपीडिया USE कर सकते है निचे इसका लिंक है